बच्चों को पढाई में मन लगाने के तरीके Children Study Tips in Hindi 2021.

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 मौजूदा समय में हर Parents की सबसे बड़ी चिंता यही होती है की उनके बच्चे का मन पढाई में कैसे लगे, पढाई अच्छे से कैसे करें. माता-पिता की ये चिंता जायज भी है क्योंकी वर्त्तमान समय में Technology का इतना प्रकोप है की आजकल के बच्चे कलम से पहले Mobile, T.V Remote या अन्य उपकरण को पकड़ना और चलाना सीख जाता है.

बच्चों को पढाई में मन लगाने के तरीके


कुछ बच्चे खेल-कूद में तो अच्छे हैं लेकिन उनका मन पढाई में बिलकुल नहीं लगता है ऐसी स्थिति में भी ये Parents के लिए चिंताजनक होता है. तो चलिए जानते हैं की अपने बच्चे को पढाई में मन कैसे लगाये , बच्चों को पढाई में लिए कैसे प्रेरित करें या ऐसा क्या करें की बच्चे को पढाई में मन लगे.

सबसे पहले आपको बच्चे का पसंदीदा एक्टिविटी को प्राथमिकता देनी है उसके उसे पढाई के महत्व को समझा कर उसके अन्दर पढाई की जिज्ञासा पैदा करना होगा. बच्चे को पढाई में मन लगे इसके लिए आप निचे बताये गए उपाय को आजमा सकते हैं.


बच्चों को पढाई में मन लगाने के तरीके | बच्चों का मन पढाई में कैसे लगाये 

तो चलिए दोस्तों उन तरीके के जानते हैं की आप ऐसा क्या करें की आपके बच्चों को पढाई में मन लगाना शुरू हो जाये. इन तरीको से निश्चय ही आपका प्यारे बच्चे पढाई में मन लगाना शुरू कर सकते हैं.

1. बच्चों के पहले शिक्षक उनके माता-पिता होते हैं :- 

जन्म के बाद से शिशु लगातार अपने माता-पिता के साथ रहते हैं जिसमें बोलना,खाना,पीना,खेलना अन्य गतिविधियों को सीखता है. छोटे बच्चे के लिए यह एक औपचारिक विद्यालय के तरह होता है. इसके साथ ही जब बच्चे बड़े होने लगते हैं तो घर में किये जा रहे सभी कामों को सिखने की कोशिश करते हैं. माता-पिता एक दुसरे को कामों में सहयोग करते देखकर बच्चे में भी उनकी मदद करने की भावना उत्पन होती है. इससे बच्चा घर के कार्यों में मदद करना सिख जाता है असल में किसी भी बच्चे के लिए यह पाठ समाजीकरण का प्रथम चरण माना जाता है. इसलिए माता-पिता को चाहिए की अपने घर में जो भी काम कर रहें है उसे सुव्यवस्थित तरीके से करें. इसके साथ आप घर में एक दुसरे के साथ ऐसा व्यवहार करें जो घर में शांति के साथ बच्चे पर भी अच्छा प्रभाव डालें. साथ ही आप अपने बच्चे को घर के बाहर होने वाली अच्छी बातें को भी सिखाने की कोशिश करें.

2. बच्चों के साथ प्यार से बच्चे बन कर रहें :-

प्यार एक ऐसी दवाई है जो बच्चों के साथ बड़ों को भी अच्छा बना सकता है. प्यार में बुराई को अच्छाई में बदलने की ताकत होती है. खासकर छोटे बच्चो को आप बिना प्यार से कुछ भी नहीं सिखा सकते हैं. इसलिए अपना कुछ कीमती समय अपने बच्चों के लिए निकालें जिसमें आप उसके दिनचर्या के बारे में जानने की कोशिश करें, यह जानने की कोशिश करें की आपका बच्चा आपसे क्या कहना चाहता है? उसके दिमाग में क्या चल रहा है? उसे क्या-क्या पसंद है? 

दरअसल होता ये है की हमलोग अपने कामों में इतना Busy होते हैं की अपने बच्चों को तो भूल ही जाते हैं.ऐसा न करें. हर माता-पिता को अपने बच्चों के साथ कुछ समय बच्चे बन कर रहना चाहिए जिससे आप उनके मन की बात को समझ पाएंगे.


3. अपने बच्चों को टीवी और मोबाइल दूर रखें :-

 यह बात हर माता-पिता जनता है की उनका बच्चा पढाई से ज्यादा टीवी और मोबाइल में ध्यान देता है. इसलिए आप एक समय का टेबल बना दीजिये जिसमें आप पढाई का समय , टीवी देखने का समय , खेलने का समय और मोबाइल चलाने का समय को निर्धारण कर दीजिये. क्योंकि आधुनिक समय में टीवी और मोबाइल भी हमारे दिनचर्या का हिस्सा बन गया है ऐसे में आप अपने बच्चे को जबरदस्ती टीवी और मोबाइल से दूर नहीं कर सकते हैं.

इसके साथ आप इस बात का विशेष ध्यान रखें की आपका बच्चा आपके बनाये हुए समय को पालन कर रहा है की नहीं यदि नहीं करता है तो आप उनको थोडा डरा सकते हैं की यदि वो पढाई के Time पढाई नहीं करेगा तो उसे टीवी और मोबाइल भी नहीं मिलेगा. जिससे आपका बच्चा धीरे-धीरे आपके द्वारा बनाये गए टाइम टेबल को फॉलो करने लगेगा.

4. बच्चे के दिमाग को पढ़ने की कोशिश करें :-

सभी बच्चों की प्रकृति एक जैसे नहीं होती है. इसलिए बच्चों के सिखने के तौर-तरीके भी अलग-अलग होते हैं कुछ बच्चे किसी चीज को देख कर सिख सकते हैं तो कुछ उसे स्वंय करके सिख सकते हैं. इसलिए आपको ध्यान देनी चाहिए की आपका बच्चा किसी चीज को कैसे सिख सकता है यदि उसमे देख कर सीखने की प्रवृति है तो आप सभी कार्यों को सही तरीके से करें ताकि आपका बच्चा सही चीजें सीखें. यदि आपके बच्चे में किसी कार्य को स्वंय करके सिखने की है तब आप उसके कार्यों सही से करने में उसकी मदद करें. आप अपने बच्चे के साथ कोई भी काम को करके उसे सही से सिखा सकते हैं.

5. विद्यालय में किया गया कार्यों का अभ्यास घर पर कराएँ :-

यह बहुत ही महत्वपूर्ण तरीका है इसमें आपको यह ध्यान रखना होता है की आपका बच्चा स्कूल में क्या सीखता है. बच्चों को स्कूल में जो पाठ पढाया जाता है , उसका अभ्यास घर पर हो इसकी जिम्मेदारी माता-पिता को निभाना होता है. इसलिए आप बच्चे पर बिना दबाव दिए उससे स्कूल में पढाये गए पाठ का अभ्यास कराएँ.

6.पढाई के लिए ध्यान केन्द्रित करना :- 

बच्चों की पढाई में सबसे अहम बात यह है की बच्चे पढाई करते समय सिर्फ पढाई करें इसके आलावा कोई काम न करें. अक्सर ऐसा देखा जाता है की बच्चे जहाँ पढ़ रहे हैं वही पर टीवी चल रहा है या मोबाइल में विडियो चल रहा है. ऐसे में बच्चे का ध्यान पढाई में केन्द्रित नहीं हो पाता है.

यदि हो सके तो अपने बच्चो के पढाई में मन लगाने के लिए एक कमरा या कहें तो Study Room अलग रखें जहाँ पर बच्चे सिर्फ पढाई में ध्यान केन्द्रित करें. यदि आपका घर बड़ा नहीं है तो जिस समय बच्चे पढाई कर रहे हैं उस वक्त टीवी , मोबाइल या अन्य उपकरण को बंद कर दे.

7. पढाई करने के लिए बच्चों को प्रेरित करें :-

अपने बच्चों को मन पढाई में लगाने के लिए उन्हें हमेशा पढाई के प्रति प्रेरित करते रहें , जिसके लिए आप उसे उन महापुरुषों के बारे में बता सकते हैं जो लोग पढ़ लिख कर महान हुए हैं. आप उन्हें बताएं की यदि वो भी पढाई करेगा तो एक दिन महान आदमी बनेगा . बच्चों को हमेशा पढाई के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए.

8. पढाई के लिए नये-नये तरीके को अपनाये :- 

बच्चों के पढाई में मन लगाने के लिए हमेशा कुछ नया करना चाहिए. जैसे आपका बच्चा जो किताब पढता है आप उसी से सम्बन्धित कोई विडियो अपने मोबाइल में दिखा सकते हैं. इससे बच्चों को किताबी ज्ञान के आलावा भौतिक ज्ञान से भी अवगत कराया जा सकता है, जो चीजें वो किताब में देखते हैं उन्हें आँखों के सामने देखकर जल्दी याद कर लेते हैं.

इसके लिए आप अपने टीवी का Study चेनेल या मोबाइल में Youtube Video का सहारा ले सकते हैं.

9. पढाई के फायदे बताये :-

बच्चों को पढाई में मन लगाने के लिए उन्हें पढाई के फायदे के बारे में बताएं. जैसे मान लेते हैं की आपका बच्चा डॉक्टर में या किसी अन्य में ज्यादा रूचि रखता है तो आप उसे ये बता सकते हैं की यदि वो अच्छे से पढाई करता है तो वो निश्चय ही बन जायेगा.

इसके आलावा पढाई के अनेक फायदे हैं जिसके बारे में आप अपने बच्चे को अच्छे से बताईये . पढाई के फायदे जानकर आपके बच्चे में पढाई की भावना जगने लगेगी.

10.बच्चों की रूचि को जाने :-

हर माता-पिता की ये इच्छा होती है की उनका बच्चा बड़ा होकर उनके जैसा या वो जैसा चाहते हैं वैसा ही बने , लेकिन आपका बच्चा क्या चाहता है ये भी जानना बहुत जरुरी है. मान लीजिये की आप चाहते हैं की आपका बच्चा वकील बने , लेकिन बच्चा चाहता है की वो बड़ा होकर डॉक्टर बने. तो यदि आपका बच्चा जबरदस्ती वकील की पढाई कर भी ले तो वो इस Field में सफल नहीं होता है. इसलिए अपने बच्चे को पढाई में मन लगाने के लिए सबसे पहले उनकी रूचि को जाने, तभी आपका बच्चा अपनी रूचि के अनुसार पढाई में लगा सकता है.


बच्चे का पढाई में मन लगाने के कुछ आसान उपाय 

आज के इस लेख में हमने बताने की कोशिश की - बच्चों को पढाई में मन लगाने के तरीके Children Study Tips in Hindi 2021. 

यदि आप अपने बच्चों के पढाई में मन लगाने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल करते हैं तो आपके बच्चे का भी मन पढाई में जरुर लगेगा.

धन्यवाद !


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